ऑल इंडिया मीडिया क्लब का है सपना, APK से है सबको बचाना: मीडिया चेयरमैन

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नई दिल्लीविशेष संवाददाता डा0 एम क्यूं मालिक अपराधियों के खतरनाक स्टंट APK के युग में है। इस भागती दौड़ती जिंदगी में फ्रॉड भी बड़ी तेजी से दौड़ रहे हैं,अंधविश्वास भी हमारे देश में तरह-तरह से पैर पसारता जा रहा है। कोई फोन आता है हम अननोन नंबर से बातचीत करना शुरू कर देते हैं उसकी कहानी सुनकर उसकी मदद करना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन उसे पर अंधविश्वास करना बुरा है। सबसे पहले उसकी जानकारी करें कि वह कौन है हमारा रिश्तेदार बनकर बात कर रहा है क्या वह सही है। उसकी सत्यता जानने के लिए आप अपनी तरफ से उसको फोन मिलाएं उसकी जांच पड़ताल करें एक-दो घर वालों के नाम जाने उसकी आवाज पहचाने फिर उसकी मदद करने की बात करें अन्यथा आप ठगी का शिकार हो जाएंगे। आपको लगता है कि यह गलत है तो इस नंबर को नोट करें और पुलिस को साइबर क्राइम टीम को अवश्य सूचित करें। इसी सार से फिलहाल में हुई कुछ घटनाएं और नुकसान को सामने रखते हुए उनसे बचने के उपाय बताते हुऐ  सतर्क करने का प्रयास किया गया है।ऑल इंडिया मीडिया क्लब के चेयरमैन डॉ.एम.क्यू.मलिक ने कहा की इस युग में सतर्क रहना ही बचाव है। किसी पर अंधविश्वास न करें अपने पास पड़ोस परिवार सबको जागरूक रखिए मीडिया के साथियों से खास अपील करता हूं कि वह अपने समाचार माध्यमों के से लोगों को सचेत रहने के लिए जागरूकता अभियान का हिस्सा बने।
आजकल स्कैमर शादी के निमंत्रण, ट्रैफिक चालान और बैंकिंग ऐप अपडेट के बहाने APK लिंक भेज रहे हैं। इन फाइलों को क्लिक करने से मोबाइल में मैलवेयर आ जाता है। और बैंक रकम उड़ सकती हैं।कुछ समय पहले तक स्कैमर APK लिंक को गैस पानी या बिजली कनेक्शन बिल को अपडेट के नाम पर भेजते थे। लेकिन यही APK लिंक अब स्कैमर्स के लिए अलादीन का चिराग बन गया है। जिसे आजकल शादी समारोह के इन्विटेशन कार्ड, ट्रैफिक चालान, बैंकिंग ऐप अपडेट, संदिग्ध की लापता फोटो की पहचान, इंश्योरेंस पॉलिसी, अकाउंट में डेबिट या क्रेडिट मेसेज में मर्ज लिंक, yono ऐप अपडेट, KYC अपडेट या सरकारी योजना का बहाना बनाकर APK फाइल भेजते हैं।
  फाइल खोलते ही फोन में आ जाता है मैलवेयर
फाइल को क्लिक करते ही मोबाइल में खतरनाक मैलवेयर आ जाता है। इस मैलवेयर के जरिये स्कैमर्स OTP, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और कॉन्टैक्ट्स चोरी कर लेते हैं और बैंक खातों से रकम गायब करने से लेकर तमाम निजी जानकारी हासिल कर ब्लैकमेल कर सकते हैं। इन स्कैमरों के टारगेट पर अधिकतर वॉट्सऐप होते हैं। कई बार किसी ग्रुप का मेंबर भी ऐसी फर्जी APK फाइल डाउनलोड करता है तो उसका वट्सऐप अकाउंट हैक हो सकता है। अभी ताजा कई मामले सामने आए हैं। वॉट्सऐप पर आया मेसेज रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल को वट्सऐप पर ₹1000 का ट्रैफिक चालान मिला 'e-parivahan.apk' नाम की फाइल थी। उन्होंने फाइल को डाउनलोड कर ऐप इंस्टॉल किया तो खाते से 1.2 लाख रुपए से ज्यादा की रकम निकाल ली गई।
चालान के नाम पर ठगी पेंडिंग ट्रैफिक चालान के नाम पर पीतमपुरा निवासी एक शख्स को एपीके फाइल भेजकर 1.58 लाख का स्कैम किया गया। स्कैमर ने ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भरवाने के लिए एक APK फाइल इंस्टॉल कराई थी और फोन हैक कर लिया।
    एक मामला कोलकाता का सामने आया जिसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता सांसद कल्याण बनर्जी के निष्क्रिय पड़े खाते से 56 लाख रुपया ठगो ने उड़ाया यह 2006 से खाता निष्क्रिय था क्राइम टीम ने पहले इस खाते को केवाईसी जमा करके एक्टिवेट कराया इसका फोटो भी बदल दिया गया और इस पर नया मोबाइल नंबर नेट बैंकिंग के लिए अटैच कर दिया कुल रकम 5639767 रुपए एसबीआई कोलकाता से उड़ने में कामयाब हो गए।
      पुलिस ने तीन क्राइमर को पड़ा है जो  दिल्ली जल बोर्ड, बैंक या बिजली कंपनी (BSES) का अधिकारी बनकर लोगों को कॉल कर उनसे APK फाइल डाउनलोड करवाने वाले मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को वेस्ट जिला पुलिस ने पकड़ा।
         आपको और अपने साथियों को इस धोखाधड़ी से कैसे बचाना है कुछ और मुख्य बिंदु यहां बताई जा रहे हैं जैसे कि अनजान लिंक को अच्छे से देखें। उसके लास्ट में APK जरूर लिखा होगा। जैसे WEDDING INVITATION CARD.apk या TRAFFIC CHALLAN.apk, इसी तरह बाकी फॉर्मेट में भी होगा। 
     APK स्कैम फाइल को पहचानने का यह पहला स्टेप है। अज्ञात लिंक/WhatsApp/Email से APK डाउनलोड न करें। जरूरी होने पर Google Play Store/Apple App Store से ही ऐप इंस्टॉल करे।
      गाड़ी का चालान कटा है तो ऑफिशल वेबसाइट (.gov) के जरिए ही पेमेंट करें अनजान नंबर से आए लिंक पर क्लिक न करें किसी अटैचमेंट को डाउनलोड न करें अन-वेरिफाइड वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर आधार या अन्य डिटेल न दे स्कैम का शिकार होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें और सरकार द्वारा जारी किए गए पोर्टल नंबर 1930 पर कहीं से भी कंप्लेंट करें।

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