असोथर/फतेहपुर प्रशासनिक सख्ती और नियम-कायदों को ताक पर रखकर असोथर क्षेत्र में ओवरलोड मौरंग परिवहन का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। गैर जनपद बांदा के मर्का -दखरौली तालाब के पास लगे दो बड़े मौरंग डंपों से प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोड ट्रक, डंपर, ट्रेलर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां मौरंग भरकर असोथर क्षेत्र से होकर गुजर रहे हैं। इन भारी वाहनों की आवाजाही से करोड़ों की लागत से बनी सड़कों की हालत दयनीय हो गई है।
मर्का पुल से लेकर रामनगर कौहन और असोथर कस्बे तक हर रात ट्रकों का लंबा काफिला निकलता है। भारी वजन और तेज रफ्तार के कारण सड़कें जगह-जगह धंस चुकी हैं, किनारे गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। असोथर–जरौली वाया रामनगर-कौहन मार्ग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सैबसी–लक्ष्मणपुर–कठौता सड़क में दलदल में बदल से
स्थानीय लोगों का कहना है कि ओवरलोड ट्रकों के लगातार गुजरने से धूल-मिट्टी के गुबारों ने घरों और बाजारों का जीना मुश्किल कर दिया है। हल्की बारिश में ही सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं। राहगीर, स्कूली बच्चे और दोपहिया वाहन चालक रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं।
गांव के निवासी रामलाल निषाद ने कहा, रातभर ट्रक दौड़ते हैं, घर की दीवारें तक हिल जाती हैं। न पुलिस रोकती है, न परिवहन विभाग विजमा देवी ने बताया, सड़क पर इतनी धूल उड़ती है कि दरवाजे खुला रखना मुश्किल है। बच्चे बीमार पड़ने लगे हैं।
राजेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, लेकिन कोई अधिकारी देखने नहीं आया ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व और परिवहन विभाग के अधिकारी तथा पुलिस प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी मौन हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि या तो संबंधित विभागों की मिलीभगत है या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।
लोगों की मांग है कि प्रशासन सघन चेकिंग अभियान चलाकर ओवरलोड वाहनों पर तत्काल रोक लगाए और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराए, ताकि करोड़ों की लागत से बनी सड़कें पूरी तरह न धंस जाएं।
सूत्रों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में सड़कें पूरी तरह धंस जाएंगी और बड़े हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है
कुछ दिन पूर्व परिवहन विभाग की टीम असोथर कस्बे के सुजानपुर रजबहा के पास चेकिंग कर रही थी। इस दौरान एक मीडिया कर्मी ने ट्रकों की आवाजाही का वीडियो और फोटो बना लिया। बताया जाता है कि अधिकारियों ने उसे पास बुलाकर मोबाइल फोन मांगा, परिचय पूछने के बाद वीडियो और फोटो डिलीट करवा दिए। इतना ही नहीं, उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गई।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि जब परिवहन विभाग के अधिकारी खुद ओवरलोड ट्रकों को निकलते देख अनदेखा कर रहे हैं, तो फिर कार्रवाई की उम्मीद कौन करे। जब अधिकारी ही बिक गए, तो आम जनता तो पिसेगी ही। अब भगवान ही मालिक है।
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