तिहरे हत्याकांड के परिजनों से मिले राकेश टिकैत

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फतेहपुर 

फतेहपुर जनपद के हदगांव थाना अंतर्गत अखरी गाँव में बीते दिनों भाकियू के जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह व उनके भाई की हत्या के बाद जनपद का लाइन ऑर्डर का माहौल अलग सा देखने को मिल रहा है। यूके राष्ट्रीय प्रवक्ता की आने की खबर सुनते ही पुलिस विभाग में सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसिया कार्य शैलियो में बदलाव देखने को मिलना शुरू हो गया था। रविवार को दोपहरे खागा तहसील क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आगमन पर टोल प्लाजा से लेकर अखरी गांव तक अपर जिलाधिकारी डॉ.अविनाश कुमार त्रिपाठी,अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र के नेतृत्व में एसडीएम खागा अभिनीत कुमार, सीओ खागा ब्रजमोहन राय,सीओ थरियांव पीके तिवारी,सीओ वीर सिंह,पीपीएस प्रगति यादव,अन्य सर्किल सीओ,नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी,कोतवाल खागा हेमंत कुमार मिश्र,एआईयू इंस्पेक्टर,प्रभारी थानाध्यक्ष हथगाम विद्या प्रकाश सिंह सहित दो सौ के करीब पुलिस बल मौजूद रहा। पीएसी भी भारी संख्या में मौजूद रही वहीं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से सभी सर्कल के पुलिस उपाधीक्षक,लगभग 200 पुलिस पीएसी के जवान,कई थानों के थानाध्यक्ष और उनके हमराही,आधा दर्जन इंस्पेक्टर और हमराही,एक प्लाटून पीएसी सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

डरे हैं लोग,अस्थाई पुलिस चौकी की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि पूरे गांव में डर का माहौल है।अगर किसी का नल खराब हो जाए तो बाहरी लोग बनाने नहीं आ रहे। गेहूं की कटाई भी करने मजदूर बाहर से नहीं आ रहे।लोगों को कहना है कि हत्या के आरोपी इतने दबंग हैं कि जेल से भी हत्या करा सकते हैं। दैनिक हर्ष उजाला की टीम जब गांव में लोगों से बातचीत की तो जीतेंद्र सिंह,संजीव सिंह,अरुण सिंह आदि ने बताया कि गांव में अस्थाई पुलिस चौकी का निर्माण किया जाना जरूरी है क्योंकि ट्रिपल हत्याकांड के आरोपियों में एक पहले ही कई लोगों की हत्याएं कर चुका है जिनमें रामराज सिंह की हत्या भी शामिल है।पप्पू सिंह के समर्थकों का यह भी कहना है कि अभियुक्त मुन्नू सिंह के घर की तलाशी ली जाए क्योंकि अंदर बहुत सारे अवैध असलहे हैं।लोग इस बात पर भी नाराज दिखे कि प्रदेश से कोई भी भाजपा का नेता या सरकार का प्रतिनिधि नहीं आया।अगर मारे गए लोग दलित होते तो प्रदेश के मंत्री फाट पड़ते।अरुण सिंह ने बताया कि सरकार का कोई नुमाइंदा इस हत्याकांड की निंदा में एक ट्वीट तक नहीं किया। लोग यह भी कह रहे थे कि अगर यादव या मुसलमान ने मारा होता तो हत्यारों के घर पर बुलडोजर चल गए होते।गांव में लोगों से बात करने के बाद अधिकतर लोग यह कह रहे थे कि ये लोग पहले भी हत्या जैसे जघन्य अपराध कर चुके हैं लेकिन कुछ समय बाद जेल से बाहर आ जाते थे इसलिए उन्हें भरोसा नहीं है कि इन्हें फांसी या आजीवन कारावास मिलेगा।छूट कर आएंगे तो मौत का तांडव करेंगे। किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी मांगो की पुष्टि के लिए बार बार दोहराते रहें। उधर किसानों की भीड़ देख कर प्रशासन के भी हाथ पाँव फूलने लगे थे, क्योंकि भीड़ बढ़ती ही जा रहीं थी।

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