एक विचार गोष्ठी का आयोजन बाल कल्याण समिति, फतेहपुर के सभागार में अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

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फतेहपुर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रति जागरूक करने हेतु एक विचार गोष्ठी का आयोजन  बाल कल्याण समिति, फतेहपुर के सभागार में अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू ने कहा कि निकट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है इस दिवस उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाल विवाह करने करने की प्रथा है। जो एक सामाजिक और कानूनी बुराई है इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग नई दिल्ली  प्रत्येक वर्ष जागरूकता अभियान संचालित करती है। आज हम यह गोष्टी  तमाम पीड़ित बालिकाओं और उनके अभिभावकों के मध्य कर रहे हैं ताकि किसी भी बच्चों को शिक्षा, पोषण आदि के उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित कर बाल विवाह कर पारिवारिक जिम्मेदारी में न  धकेला  जाए नहीं तो  वह पूरी जिंदगी अपने परिवार के जिम्मेदारी उठते उठते अपनी जिंदगी ही खफा दे। उन्होंने आगे कहा कि जनपद फतेहपुर में पूरे वर्ष में 6 बाल विवाह रुकवा गए। जिले में बाल कल्याण समिति, जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिलाबाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन,  विशेष किशोर संरक्षण पुलिस इकाई,  पुलिस विभाग, गैर सरकारी संगठन आदि मिलकर के लगातार जागरूकता के अभियान संचालित करते हैं जिससे जनपद फतेहपुर में जागरूकता आई है और बाल विवाह की प्रकरणों में कमी आई है।  जागरूकता अभियान को और सघन बनाने हेतु समस्त जूनियर से लेकर महाविद्यालयों में जागरूकता कैंप लगाकर विद्यार्थियों को बाल विवाह के प्रतीक जागरूक करने की आवश्यकता है तथा समस्त मैरिज हालों को भी निर्देश देने की आवश्यकता है कि उनके यहां कोई भी बाल विवाह न होने पाए। 
गोष्ठी में बाल कल्याण समिति की सदस्य अपर्णा पांडे ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि लड़की की 18 वर्ष एवं लड़के की 21 वर्ष से पहले शादी करना सामाजिक,  कानूनी अपराध है। यदि बाल विवाह किया गया तो विवाह में  सम्मिलित सभी लोगों के ऊपर कानूनी कार्यवाही होगी जिसमें 2 वर्ष की जेल व एक लाख का जुर्माना हिंसकता है।इसलिए  अपने लड़के और लड़कियों की शादी निर्धारित उम्र के बाद ही करें ताकि तमाम कानूनी प्रावधानों से बचाव हो सके। 
इसी क्रम में बाल कल्याण समिति के सदस्य रामकृष्ण पांडे जी ने कहा कि बाल विवाह हमारे समाज के लिए अभिशाप है कम उम्र में लड़कियों के शादी करने से  अधिकांश बच्चे  गरीबी में जूझते हैं इसलिए सभी माता-पिता या ध्यान दें कि उनका बच्चा जब आत्मनिर्भर वह शारीरिक रूप से परिपक्व हो जाए तभी उनका विवाह करना चाहिए। 
गोष्ठी में उपस्थित चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जिला समन्वय नीरू पाठक ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर मिलने वाली सूचनाओं के आधार पर कई एक शादियां जनपद फतेहपुर मे उसे समय रूकवाई गई जब बारात आने वाली थी यह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता लेकिन बच्चों के माता-पिता कम से कम या ध्यान दें कि उनकी शादी निर्धारित  उम्र से पहले ना कीजाए। 
पुलिस विभाग से उपस्थित सब इंस्पेक्टर उपदेश कुमार व महिला कांस्टेबल कोमल भारद्वाज ने कहा कि हम अपने क्षेत्र पर यह निगरानी रखते हैं तथा सभी समुदाय के लोगों से हमेशा कहते रहते हैं कि अपने बच्चों को अच्छी और पूरी शिक्षा दें ताकि वह अपने जीवन में स्वयं से निर्णय लेकर आत्मनिर्भर बन सके और सुखमय जीवन जी सके।
इस गोष्ठी में बाल कल्याण समिति के सदस्य कल्पना मिश्रा, चाइल्ड हेल्पलाइन के अंकित जायसवाल, जिला बाल संरक्षण इकाई के अमित कुमार, अंकित कुमार, घर से पलायन कर बाल विवाह कर लेने वाली पीड़िताएं उनके अभिभावक,  सपोर्ट पर्सन पोक्सो एक्ट, बाल कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।

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